तू है नादान, न करे ​ नारी का मान ​

​आते जाते हर कौने पर करता उसे परेशान​...

कभी ताने कभी तनाव देता ही रहता​...
तू है नादान, न करे ​
नारी का मान​!

तुझे जन्मा एक नारी ने...
तुझे जीना सीखाया एक नारी ने...
तेरी ऊँगली पकड़ कर हर मुसीबत में तेरे साथ रही एक नारी...
तेरे आंसूं पोछे एक नारी,
तू है नादान, न करे नारी का मान!

नारी को करके दुखी, कोई न रहा सुखी... ​
कभी उसकी ख़ुशी की भी सोच...
यहीं रखी रह जाएगी तेरी ये सोच...
सोच समझ और नारी का कुछ भला सोच...
ये ही है जो जीवन और दुनिया को आगे बढाती... 


(SHOBHIT CHAUHAN)


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